“आनन्दमय उत्साह से परिपूर्ण जीवन”

वाईएसएस संन्यासी द्वारा हिन्दी में प्रवचन

रविवार, 17 मार्च, 2024

सुबह 11:00

– दोपहर 12:00 बजे

(भारतीय समयानुसार)

कार्यक्रम के विवरण

इस प्रकार हमें संसार में रुचिपूर्वक कार्य करना सीखना चाहिए, परन्तु शान्त एवं अनासक्त बने रहें। मैं नहीं जानता कि बिना आनन्दपूर्ण उत्साह के मैं कार्य कैसे करूँगा।

— परमहंस योगानन्द

“आनन्दमय उत्साह से परिपूर्ण जीवन” विषय पर योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के एक संन्यासी हिन्दी में एक प्रवचन दिया वे परमहंस योगानन्दजी की आदर्श जीवन शिक्षाओं के माध्यम से यह बताएँगे कि हम कैसे आध्यात्मिक मार्ग पर अपने जीवन के सभी पहलुओं में अपने उत्साह का नवीनीकरण कर सकते हैं और इसे बनाए रख सकते हैं।

योगानन्दजी ने सलाह दी है, “…हमें संसार में रुचिपूर्वक कार्य करना सीखना चाहिए, परन्तु शान्त एवं अनासक्त बने रहें। मैं नहीं जानता कि बिना आनन्दपूर्ण उत्साह के मैं कार्य कैसे करूँगा।” जब हम अपनी सभी गतिविधियाँ ईश्वर को प्रसन्न करने की महत्वाकांक्षा के साथ करते हैं, तो हम अपने कार्य, मनोरंजन, ध्यान, तथा अपने सम्बंधों सहित अपने दैनिक जीवन के सभी पहलुओं को आनन्द से भरने में सक्षम होंगे। इस सत्संग के माध्यम से यह जाना कि हमारे जीवन को बेहतर ढंग से व्यवस्थित और नियमित करने में, अधिक गहन ध्यान और व्यावहारिक प्रयास हमें अपने उत्साह को प्रज्वलित करने और बनाए रखने में किस प्रकार सहायक हो सकते हैं।

हिन्दी में यह सत्संग रविवार, 17 मार्च को वाईएसएस नोएडा आश्रम में साधना संगम से लाइव-स्ट्रीम किया गया था।

नवागंतुक

परमहंस योगानन्दजी और उनकी शिक्षाओं के बारे में और अधिक जानने के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर जाएँ :

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